तेरे ज़ज्बात की खुशबू से कुछ ऐसे महक गयी हूँ मै
दरिया के सारे बंधन तोड़ किनारों से छलक गयी हूँ मै
घिसती जा रही हूँ हिना बनकर पाने को रंग शादाबी...
फ़िर से मूरत में ढल जाने को शिद्दत से तड़प गयी हूँ मै...
हर तूफ़ान है समेटा सीने में जो भी तेरी राह में आए...
उन्ही लहरों में बह जाने को तिनके सी मचल गयी हूँ मै...
ये कौन सा जहाँ है जहाँ खुशबूएं नही उतरा करतीं...
तेरे कुर्बत के ख्याल से ही पंछी बन चहक गयी हूँ मै...
आग से आब का होता है कुछ ऐसा ही अनोखा रिश्ता...
अब जाना क्यूँ बूंदों से बादल में बदल गयी हूँ मै....
brilliant!
ReplyDeletei can not even imagine how far your imagination goes.You are very special.
sunder rachna ke saath blog jagat men swagat.
ReplyDeleteBahot khoob, pranjal jee.
ReplyDeletePranjal ji mere do blog hain ek hindi ka aur ek marathi ka mai marathi ke blog se aapke blog par aaee to wahi darj hua par aap mere hindi blog par ja sakati hain abhi wahan mai yatra sansmaran de rahee hoo. Aapan e phir bhee mere bhee ki kawita ko saraha aapka dhanyawad. Wah blog mere bhee ka hai. mera hindi log hai
ReplyDeleteashaj45.blogspot.com
aur marathi ka hai
ashaj-oglekar.blogspot.com
abhar aapka.
आग से आब का होता है कुछ ऐसा ही अनोखा रिश्ता...
ReplyDeleteअब जाना क्यूँ बूंदों से बादल में बदल गयी हूँ मै....
बहुत ही अच्छा लिखा है।
narayan narayan
ReplyDeletewah pranjal ji
ReplyDeletebahot accha laga
hardik abhinandan
वाह वाह प्रांजल . क्या बात है. आपकी कविताये पढ़कर तो मै भूल गया की मै भी कविता लिखता हूँ आपकी कविताये तो कबीले तारीफ है. आपकी प्रोफाइल देखकर आपकी उम्र तो बहुत कम लगाती है. इस कम उम्र मै इतनी बेहतरीन कविताये. दरअसल मेरी बेटी का नाम भी प्रांजल ही है.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर अहसासों से भरी रचना.
ReplyDeleteBahut Barhia... Aapka Swagat hai...isi tarah likhte rahiye
Ek nazar idhar bhi:
http://sanjay.bhaskar.blogspot.com
बहुत सुंदर | क्या कशिश है इस ग़ज़ल में | वाह -वाह ........ माशाअल्लाह
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