Thursday, July 15, 2010

बहुत लिखे हैं बेवफाई के नज्मे , कोई मोहब्बत की बेजारी का भी तो सबब पूछो...
शायरों अब खंजर में वो बात नहीं रही, दीवानों से कातिल नश्तर की चुभन पूछो...